हमारे गाँव के स्कूल में सारे शिक्षक हिंदी बोलते हैं, छोटे बच्चे गोंडी जानते हैं, गोंडी शिक्षक चाह
ग्राम पंचायत-घोड़ागाँव, तहसील-पखांजुर, जिला-उत्तर बस्तर कांकेर, (छत्तीसगढ़) से लालसाय उसेंडी, महेकुमार, लालसूराम बता रहे है कि उनके गाँव में अधिक गोंडी भाषा बोली जाती है, उनका कहना है कि स्कूल में जितने भी शिक्षक आते हैं सभी हिंदी बोलते हैं| जिससे बच्चे और शिक्षक के बीच में शिक्षा का बातचीत अच्छे से हो नही पाती है, और यह एक अध्यन का मुख्य कारण है, शिक्षक और बच्चो के बीच में बातचीत में तालमेल नहीं है जिससे बच्चे अधिक अंक नही ला पाते है | वे अच्छे प्राप्तांक लाने से वंचित रह जाते हैं, अगर कोई गोंडी बोलने वाला शिक्षक आये तो बच्चों के बीच में भाषा की जो असमानता है वो ठीक हो सकता है, और पढाई में बहुत कुछ सुधार हो सकता है |