मैना हो मन होगय मोरो रे उदास...गीत
अमर मरावी एक गीत के माध्यम से तोता और मैना के बीच संवाद को प्रस्तुत कर रहे है:
मैना हो मन होगय मोरो रे उदास-
जंगल नई है, झाड़ी नई है, नई है खेती बाड़ी-
गांव ले भगा के हमला करी रे पराई-
ये दुनिया के काम ला देखो नई आय धरमवासी-
जिदगी ला कईसे काटी, कईसे रहिबो संगी-
चल चली संग सहेली मन होगे तंगी-
नरवा में पानी नई है-
कुंवा में पानी नई है कईसे खेती होही-
मैना हो मन होगय मोरो रे उदास...