फूलों से नित हँसना सीखो, भौरों से नित गाना...कविता
ग्राम-सालकट्टा, पंचायत-गोंडदिनापाल, विकासखण्ड-अंतागढ, जिला-उत्तर बस्तर कांकेर (छत्तीसगढ़) से फातिमा विनीता एक कविता सुना रही हैं:
फूलों से नित हँसना सीखो, भौरों से नित गाना-
तरु की झुकी डालियों से नित सीखो-
शीश झुकाना, सीख हवा के झोको से लो-
कोमल भाव बहाना, दूध तथा पानी से सीखो-
मिलना ओर मिलाना,सूरज की किरणों-
से सीखो जगना ओर जगाना-
लता और पेड़ो से सीखो सबको गले लगाना...