गोंडी संस्कृति को बचाए रखने के लिए हम ढोलक, तबला, डेम्सा, डुलकी सिखा रहे है (गोंडी भाषा में)
ग्राम-नेटनूर, मंडल-सिरपुर, जिला-कुमरम भीमू (तेलंगाना) से गेडम मारोती के साथ में मेश्राम सेकु, आतरम देवराव और कनिका नागोराव बता रहे है कि गोंडी संस्कृति को बचाने के लिए उन्होंने बहुत सारे लोगो को ढोलक, तबला, डेम्सा, डुलकी बजाना सिखाये उसमे 16 प्रकार के डेम्सा ताल और 18 प्रकार के बाजा ताल 30 साल से सिखाते आ रहे है| जिससे हमारी संस्कृति बच सके | ऐसा वे गोंडी भाषा में बता रहे है| मारोती गेडम@9493950891.