कल रात कबीर मेरे घर में आया...कविता-
सेत गंगा, जिला-मुंगेली (छत्तीसगढ़) से वैद्य रमाकांत सोनी एक कविता सुना रहे है:
कल रात कबीर मेरे घर में आया-
एक छोटा पुष्प मुझे देते हुए कहने लगा – इस पुष्प को मैं तुम्हे सौंपता हूँ-
पुष्प की याद भक्ति,राम रूपी खाद रहिम रूपी जल से-
इस कारण मै तुम्हारे पास लाया हूँ-
कलयुग की दुर्गन्ध से मुक्त करने के लिए-
भारत माता के जूड़े में सजाने के लिए-
इसके मानवता वादी सुगंध के लिए-
कलयुग में तुम्हारे सहारे के लिए...