तिरंगे के तीन रंगों को मैंने देखा बार-बार...राष्ट्रभक्ति कविता-
सेतगंगा, जिला-मुंगेली (छत्तीसगढ़) से वैद्य रमाकांत सोनी एक कविता सुना रहे हैं :
तिरंगे के तीन रंगों को मैंने देखा बार-बार-
तीन रंगों में ब्रम्हा, विष्णु, महेश दिखाई देते हैं-
तीन रंगों में मुझे सत्य,अहिंसा, ज्ञान, आनंद दिखाई देते हैं-
तीन रंगों में मुझे ज्ञान, भक्ति, योग दिखाई देते हैं-
तीन रंगों में मुझे स्वास्थ्य, शिक्षा और धर्म दिखाई देते हैं-
तीन रंगों में की छटा में मुझे बाबू, वल्लभ, आजाद दिखाई देते हैं-
तीन रंगों की बहार ज्ञानेश्वर, तुमराम, नामदेव की याद दिलाती है...