पेड़ो की झुरमुठों से आती है पैगाम...पेड़ पर कविता
ग्राम-तमनार, जिला-रायगढ़ (छत्तीसगढ़) से कन्हैयालाल पडियारी पेड़ो पर आधारित एक कविता सुना रहे हैं:
पेड़ो की झुरमुठों से आती है पैगाम-
मैं शांति की प्रतीक हूं उससे तुम महान-
तुमसे मैं नही मैं तो प्रकृति की देन हूँ-
पवन मुझे सुलाती है पवन मुझे उठाती है-
पवन के झोकों से बिखर कर अपने आप उगती हूँ-
मेघों को मैं ही बुलाकर जमकर बारिश कराती हूँ-
मुझसे भी ये ऊँचे-ऊँचे पर्वत में नदी नाला बनती हूँ...