गोंड आदिवासी के गोटुल में सेमर के पेड़ का महत्त्व (गोंडी भाषा में)
ग्राम-वरचे, पंचायत-बैसगाँव, ब्लाक-अंतागढ़, जिला-कांकेर (छत्तीसगढ़) से उत्तम आतला के साथ अंकलु पोटाई (पटेल) गोंडी भाषा में बता रहे है कि जो सेमर का पेड़ आप देख रहे है उसको युवक युवतियों द्वारा काटा जाता है उसके बाद गाँव के पटेल गायता (पुजारी) के हाथो से नेंग दस्तूर(नियम के अनुसार) करके लगाया जाता है और वैसे ही कोलांग उत्सव है जो उस परम्परा से ही जुडी हुई है| कोलांग नाचने के कुछ दिन पश्चात् युवक युवतियों द्वारा सेमर पेड़ काटा जाता है और उसको गोटुल के स्थान पर लगाया जाता है| इसमें जो छोटा पड़े दिख रहा है वो युवतियों के द्वारा लगाया गया है और जो बड़ा पेड़ लगा है वो युवको द्वारा लगाया गया है| उत्तम आतला@94049 84750.