हम आदिवासियों का जीवन पिछले 100 साल में बहुत कुछ बदल चुका है: 105 वर्ष उम्र के वृद्ध...
ग्राम-सोडेग्राम, तहसील-आमाबेडा, जिला-उत्तर बस्तर कांकेर (छत्तीसगढ़) से उत्तम आतला गांव के एक वृद्ध से चर्चा कर रहे हैं, वे 105 साल के हैं, और आज भी चल-फिर लेते हैं, दादा बता रहे हैं आज 100 साल बाद बहोत कुछ बदल चुका है, हम गोंड आदिवासी पहले हंसिया पकड़ कर नदी किनारे बांस का बस्ता निकाल कर लाते थे, और वन में भोजन तलाशने के लिए तीर, धनुष, टंगिया जैसे औजार लेकर जाते थे, जो जंगली जीव मिलता जैसे खरगोश, हिरन, चिड़िया मारकर लाते थे, उसके बाद गाँव में एक जगह होता था, जहां पर सारे शिकार किये जीवो को लाते और पका कर खाते थे, ख़ुशी मनाते थे, अपने परिवार के लिए हिस्सा लेकर जाते थे, नाच-गाना करते थे, आज वो नही है, सब कुछ बदल चुका है|