वनांचल स्वर : बबूल (कीकर) के औषधीय गुण-
जिला-टीकमगढ़ (मध्यप्रदेश) से राघवेन्द्र सिंह राय आज हम लोगो को बबूल (कीकर) के औषधीय गुणों के बारे में बता रहे है, अतिसार (दस्त, पेचिस) में इसका पत्तियों के रस आधा चम्मच में एक चम्मच छाछ (मही) के साथ सेवन करने से लाभ मिलता है, मुहं में छाले पड़ने पर बबूल के गोंद को मुंह में रखकर उसके रस चूसने से फायदा मिलता है, इसी तरह गले में सूजन आने से बबूल के छाल को 400 ग्राम पानी में उबाल लें, 100 ग्राम शेष रह जाए जिसमे क्वाक (काढा) शेष रहे उससे मुंह के गरारे करने से छाले जल्दी ठीक हो जाते है| गर्मी की अगर किसी को खांसी हो तो बबूल की पत्तियों को मुंह में रखकर चबाकर रस चूसने से और कंठ में उतार ले, तो इससे आराम मिलता है| राघवेन्द्र सिंह राय@9424759941.