बिगड़ जात बिना तेल और फुलेलल के...कविता-
सिवनी, ब्लाक-मरवाही, जिला-बिलासपुर (छत्तीसगढ़) से कामता प्रसाद शर्मा एक कविता सुना रहे हैं:
बात बिगड़ जात बिना तेल और फुलेलल के-
नारी बिगड़ जात बिना आंख के दिखाए से-
साधू बिगड़ जात पर नारी के संघत से-
अऊ जात बिगड़ जात है आन जात के बिहाय से-
दानी बिगड़ जात जैसे नीचो के संगत से-
ज्ञानी बिगड़ जात है, क्रोध के बढाए से-
अउ कहे महराज की दारु के पिए से बिगड़ जात-
अउ मुक्ति बिगड़ जात बिना राम के गुण गाए से...