जगा, जगा, जगा महिला मन जगा नींद से जगा...सादरी भाषा में जागृति गीत-
ग्राम-कोनकेल, पंचायत-रामपुर, प्रखण्ड-चैनपुर, जिला-गुमला (झारखण्ड) से सुशीला बेक और अल्का खल्को सादरी भाषा में एक जागृति गीत सुना रहे हैं :
जगा, जगा, जगा महिला मन जगा नींद से जगा-
आयो के देखा बाबा के देखा, देखा भईया हडिया दारु तो-
तोबे के पिए जाथे, जगा, जगा, जगा महिला मान जगा नींद से जगा-
बाजार डाडे देखा, डाड़ी घाटे देखा-
देखा भईया आयो बहीन के, इज्जत लुईट जाथे-
गांव में देखा शहर में देखा, देखा भईया आगी अगोइर के राईजी होवाथे...