रेलगाड़ी करती छुक-छुक-छुक...बाल कविता
ग्राम-कुर्केल, पंचायत-रामपुर, प्रखंड-चैनपुर, जिला-गुमला (झारखण्ड) सान्या टोप्पो और सलमा कुमारी जो तीसरी और चौथी कक्षा की छात्राएं है वे लोग एक कविता सुना रहे हैं:
रेलगाड़ी करती छुक-छुक-छुक-
लम्बू कहता रुक-रुक-रुक-
डिब्बा कहता घुस-घुस-घुस-
लम्बू चढ़ गया छुक छुक छुक-
इंजान बोला फूक फूक-फूक-फूक-
गाडी चल दी छूक-छूक-छूक-
आगे थी एक भैंस खड़ी-
गाडी से वो नहीं डरी-
गाड़ी रुक गयी छु चल-
भैंस गिर पड़ा धम-धम-
लम्बू था नटखट उतर के-
भागा टिक-टिक-टिक-
आगे जा कर पकड़ा गया-
बिना टिकट के मजा आ गया...