कृषि उत्पाद का सही समर्थन मूल्य निर्धारित करने में किसान की भागीदारी हो : सीधी रिपोर्ट...
छत्तीसगढ़ में किसानो के मूलभूत समस्याओ का पूर्ण निराकरण नहीं होने के कारण छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के वृंदावन हाल में आज दिनांक 6 जुलाई को एक दिवसीय विचार गोष्ठी सभा का आयोजन किसान समन्वय समिति द्वारा किया गया था! सभा का उद्देश्य कृषि नीति तैयार करना था उसी सभा में उत्तम आतला के साथ जुड़े है सोनाऊराम नेताम जो कि किसान समन्वय समिति के संयोजक है और
कह रहे है भारत सरकार ने स्वामीनाथन कमिटी गठन किया था जिसमे किसानो के फसल का मूल्य निर्धारण के लिए 2006 में रिपोर्ट दिया था! किसानो का उत्पाद में जो लागत आती है,उसे अभी जो सरकार घोषित करती है समर्थन मूल्य वो किसान को मंजूर नहीं क्यों की संपूर्ण घर के लोग खेती में काम करते है,मेहनत करते है! खाद,गाड़ी भाडा लगता है ! सरकार सही मूल्य निर्धारित करे! हमारा राष्ट्रीय स्थर पर मांग है की हमारे अधिकार के अनुसार हमें जल-जंगल-जमीन पर अधिकार मिले! अभी सरकार द्वारा वन भूमि को हड़प कर रहे है वो नहीं होना चाहिए! जमीन बेचा नहीं जाये लीज पर दिया जाये जैसे ही काम ख़त्म होता है जमीन वापस किया जाये! कारखाना या खदान से साल का लाभ भी मिले! देश के विकास के लिए 80% योगदान जो है पानी,जमीन, आयरन,खदान ज्यादातर आदिवासी इलाको से मिलता है और हम लोग ग्रामसभा की बात करते है| इस तरह से बहुत बुरा हाल है|