ग्रामसभा के बिना समुचित विकास संभव नहीं, इसलिए ग्रामसभा को सशक्त करना जरुरी है...
प्रखंड-चैनपुर, जिला-गुमला (झारखंड) से बेंदरा जी ग्रामसभा की जानकारी दे रहे है, जो ग्रामसभा को लेकर पांच साल से काम कर रहे है कह रहे है कि ग्रामसभा एक ग्रामस्तरीय पारंपरिक सवैधानिक एंव आधिकारिक प्रशासनिक इकाई है गाँव के अठारह वर्ष ऊपर के सभी ग्रामसभा के सदस्य होते है| ग्रामसभा महीने में एक बार या दो बार होती है|जरुरत पड़ने पर कभी भी कर सकते है| ग्रामसभा बैगा,मुन्डा,माझी,मासों या गाँव द्वारा चुने गए व्यक्ति की अध्यक्षता में होती है| ग्रामसभा की अध्यक्षता कोई पंचायत मुखिया,कार्य सदस्य या बाहरी व्यक्तियो के द्वारा नहीं होती है|गाँव एंवम लोगो की विकास में ग्रामसभा की महत्वपूर्ण भूमिका होती है| ग्रामसभा गाँव,टोला सभी के लिए होता है| ग्रामसभा में सामाजिक मुद्दो पर चर्चा होती है|इसलिए ग्रामसभा को सशक्त करना जरुरी है| ग्रामसभा के बिना समुचित विकास संभव नहीं है!सुचारू रूप से चलाने के लिए चार सदस्यों की 9 समितियाँ होती है|