ऊगले जो नय अनी रामली रात, मोर सुघा ना, बरतरी खेले ना पाए...सुवा गीत
ग्राम-धुर्व, ब्लाक-ओड़गी, जिला-सूरजपुर (छत्तीसगढ़) से कैलाश कुमारी धुर्वे एक सुवा गीत सुना रही हैं:
ऊगले जो नय अनी रामली रात, मोर सुघा ना, बरतरी खेले ना पाए-
बरवा के छईया के खेले नही पाए, मोर सुवा ना आयेगे गे ससुर लेना हार-
ससुर के संगे साथे हम नही जाब, मोर सुवा ना एड़िया, धकत दिन जाये-
ऊगले जो नय अनी रामली रात, मोर सुघा ना, बरतरी खेले ना पाए-
राजा राम सुगा आये गे भसुर लेना हार, भसुर के संगे साथे हम नही जाब, मोर सुघा ना-
ऊगले जो नय अनी रामली रात, मोर सुघा ना, बरतरी खेले ना पाए...