आदिवासी संस्कृति में महुआ का सेवन महुआ पूजन के बाद ही किया जाता है...
ब्लॉक-ओड़गी, जिला-सूरजपुर (छत्तीसगढ़) से मोहन यादव के साथ जुड़े है ग्राम पाल धनौली के साथी कृष्णा निधान सिंह आर्मों जो महुआ त्यौहार के बारे में बता रहे है कि महुआ त्यौहार के मनाने से पहले महुआ का सेवन नहीं किया जाता है | जब तक वे अपने देवी देवताओं को न चढ़ा दे महुआ त्यौहार के समय जहां माता कुदरगढ़ी देवी और बुढ़ादेव के पूजन किये जाते है | अन्य देव भी हैं जैसे दूल्हा देव दुलहि देवी। पूजन के समय नारियल, मुर्गा और बकरे को 3-5 साल में एक बार चढ़ाया जाता है.प्रतिवर्ष मुर्गा और नारियल चढ़ाया जाता है त्यौहार को घर-घर मनाया में जाता है | आदिवासी संस्कृति में महुआ का सेवन महुआ पूजन के बाद ही किया जाता है|