गोंडी को संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल करने से मध्य भारत में शान्ति लाने मदद मिलेगी...
उत्तर बस्तर कांकेर (छत्तीसगढ़ ) से नेमा लाल कुमरा बता रहे हैं कि गोंडी क्षेत्रों ने अब गोंडी भाषा में शिक्षण का काम होना चाहिए. दिल्ली में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में मध्यभारत में सात राज्य के 80 गोंड आदिवासी एक सप्ताह में 4 साल तक चल रही डिक्शनरी को मानक शब्द चुन लिए हैं उस कार्यक्रम मे तेलंगाना के साथी ने गोंडी भाषा में जो बताया उसको मध्यप्रदेश के गुलजार सिंह मरकाम ने हिंदी भाषा में अनुवाद किया | इस प्रकार एक दूसरे राज्य के गोंडी भाषी आपस में बात करने लगे हैं. अब इसे भारत के सविधान 8 वींअनुसूची में शामिल करने की जरुरत हैं| इसको सरकार जल्दी से जल्दी लागू करे, इससे मध्य भारत में सुख शान्ति आयेगी |