हे उरी रे राहा न दईए रे...सरगुजिहा फागुन गीत
आश्रित ग्राम बगीचापारा, ग्राम-परमेश्वरपुर, विकासखंड-प्रतापपुर, जिला-सूरजपुर (छत्तीसगढ़) से गणेश आयाम के साथ सीतू दादा है वे एक सरगुजिहा फागुन गीत सुना रहे है:
हे उरी रे राहा न दईए रे-
दे सहर बोंडी चढ़-
बई बी विराना है-
लेकिन पेहरा आना नहीं है रे-
दाई तोर दाऊ सगा साथी हवे रे...