माया प्रीत के बंधना हवेगा बेटी के अंगना...छत्तीसगढ़ी कविता
ग्राम-तमनार, जिला-रायगढ़ (छत्तीसगढ़) से कन्हैयालाल पडियारी बेटियों पर एक छत्तीसगढ़ी कविता सुना रहे हैं:
माया प्रीत के बंधना हवेगा, बेटी के अंगना-
बेटी हवे घर के सुआ, उड़ जाही मया के बंधना-
दाई दादा के दुलारी छोड़ जाही, अपन महतारी-
सास ससुर घर घुसिया, ननद देवर परोसी ले हो ही चिन्हारी-
लाज महत ला छाड़ी हो ही, घर घुसिया के पुछारी-
भूल जाहि दाई दादा भाई, जम्मो के रही वों दुलारी...