नर हो न निराश करो मन को...कविता
ग्राम-नीलकंठ, पंचायत-गोरखी, जिला-सूरजपुर (छत्तीसगढ़) से जगदेव प्रसाद पोया एक कविता सुना रहे है:
नर हो न निराश करो मन को-
कुछ काम करो, कुछ काम करो-
जग में रह कर कुछ नाम करो-
यह जन्म हुआ किस अर्थ अहो-
समझो जिसमें यह व्यर्थ न हो-
कुछ तो उपयुक्त करो तन को-
नर हो, न निराश करो मन को...