है मेरा एक सोचना काश ऐसा हो जाए, मेरा देश फ़िर ऐसा सोच जैसा हो जाए...कविता
ग्राम-सिवनी, ब्लॉक-मरवाही, जिला-बिलासपुर (छत्तीसगढ़) से कान्ता प्रसाद शर्मा एक कविता सुना रहे है:
है मेरा एक सोचना काश ऐसा हो जाए-
मेरा देश फ़िर ऐसा सोच जैसा हो जाए-
देवता सरीखे पिता माँता हो, स्नेही भ्राता हो-
मिलनसार नाता हो, पुत्र सा जमाता हो-
प्रदूषित ना अन्न हो, शोषित ना मन हो-
आत्मा प्रसन्न हो, सभी लोग धन्य हो-
अच्छा प्रशासक हो, बुराई का नाशक हो-
धर्म का उपाशक हो, सत्य सदा भाषक हो-
शिक्षा में शिष्टाचार हो, आदर सत्कार हो...