सखी बिछुड़े श्याम मिले कैसे, पानी जो गिरे वो छत में गिरे...स्वरचित गीत
ग्राम-छुलकारी, जिला-अनूपपुर (मध्यप्रदेश) से मंदाकनी मिश्रा एक स्वरचित गीत सुना रही हैं :
सखी बिछुड़े श्याम मिले कैसे, पानी जो गिरे वो छत में गिरे-
आकाश गिरे तो थमे कैसे, सखी बिछड़े श्याम मिले कैसे-
कपड़ा जो फटे दर्जी ने सीले, सखी मन जो फटे सिले कैसे-
कपड़ा जो धुले साबुन से धुलें, सखी मन की मैल धुले कैसे-
परदेश गए हों तो आश करूँ, दुनियां से गए तो मिले कैसे-
सखी बिछूड़े श्याम मिले कैसे...