नीले सियार की कहानी: सीख : हमें किसी को अंधेरे में या धोखे में नही रखना चाहिए
एक दिन एक सियार घूमते-घूमते गाँव में एक धोबी के घर में घुस गया| उसी समय धोबी टब में नील घोलकर रखा था सियार उसी टब में गिर गया और डर कर तेजी से भागा, भागते-भागते सियार नदी के पास पंहुचा| खुद को पानी में देखकर उसे आश्चर्य हुआ क्योंकि उसका रंग बदल गया था| फिर वह वापस जंगल चला गया| जंगल में घूमते-फिरते उसे शेर की खाल मिली वो खाल को पहनकर खुद को जंगल का राजा बताने लगा और सभी जानवरों पे रौब झाड़ने लगा तभी जानवरों के झुण्ड में बैठा एक बूढा लोमड़ी उसे पहचान लिया और हुवा-हुवा की आवाज लगाने लगा, ये आवाज सुनकर वह सियार भी आवाज लगाने लगा जिससे सच्चाई सामने आ गई और सियार मारा गया| इससे सीख मिलती है कि हमें किसी को अंधेरे में या धोखे में नही रखना चाहिए |