किसान स्वर - हम आदिवासी धान उगाते हैं और पैसे के लिए जंगल से महुआ, जोंदरा, तेंदू बेचते हैं...
सीजीनेट जनपत्रकारिता यात्रा आज ग्राम-गदापाल, जिला-दंतेवाड़ा (छत्तीसगढ़) में पहुँची है वहां से महेंद्र उइके के साथ में गाँव के साथी योगाराम कवासी हैं जो खेती करते है और उसके बारे में बता रहे हैं. वे कह रहे हैं कि उनके यहाँ खेती में धान, कोसरा, जोंदरा आदि उगाते है | इनके यहाँ धान एक हेक्टेयर में 30 क्विंटल तक हो जाता है. दलहन की फसल इनके यहाँ नहीं होता है ये लोग इसे बाजार से खरीदकर लाकर खाते है और अधिकतर उड़द दाल खाते हैं | इनके गाँव में 1200 जनसँख्या है, ये लोग घर की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए जंगल से महुआ, जोंदरा, तेंदू, बिलवा आदि बेचकर अपना जीवन यापन करते है| ये कुछ अतिरिक्त बचा धान भी बेचते हैं | महेंद्र उइके@9575256339