वनोत्पाद का बाज़ार में सही दाम न मिलने पर उसको खरीदकर गोदाम में रखा जाए तो अच्छा होगा...
छत्तीसगढ़ के जिला-कांकेर ब्लाक-दुर्गुकोंदल, पंचायत-तराई घोटिया से बाबूलाल नेटी के साथ जगदेव नरोटी बता रहे हैं कि उनके गाँव के लोग जंगल पर निर्भर रहते हैं यहाँ किसी प्रकार का व्यवसाय का साधन नही है जिससे लोगों का दैनिक खर्च चल सके. एक साल में एक ही फसल लेते हैं और बाकि का जंगल पर आश्रित हैं. उनके जंगल में तेंदू, चार, भेलवा, आंवला, सरई, लाख, हर्रा, महुआ, बहेड़ा, चरोटा,आदि पाए जाते है इनको बाजार में बेचते हैं पर उचित दाम नही मिल पाती है जिससे वे असंतुष्ट रहते हैं पर आर्थिक स्थिति को सुधारने हेतु बेचना ही पड़ता है अगर किसी प्रकार का गोदाम कही स्थित कर दिया जाए तो वहां वे अपना सामान उचित दाम पर बेच सके तो अच्छा होगा: जगदेव नरोटी@9420937595.