भारत माता के बेटे हम, चलते सीना तान के...देशभक्ति कविता
ग्राम-देवरी (मुहारीपारा), जिला-सूरजपुर (छत्तीसगढ़) से मटुक सिंह नेताम एक कविता सुना रहे है:
भारत माता के बेटे हम, चलते सीना तान के-
धर्म अलग हो जाति अलग हो और अलग हो भाषाएँ-
पर्वत सागर तट वन मरुस्थल मैदानों से हम आये-
फौजी वर्दी में हम सबसे पहले हिंदुस्तान के-
भारत माता के बेटे हम चलते सीना तान के-
हिंदुस्तान की मिटटी में हम खेले खाए है हम-
जिसके रक्तकण को समता-समता से अपनाये है-
कर्ज चुकाने है हमको रक्तकण के अहसान के
भारत माता के बेटे हम चलते सीना तान के...