आज काल के जमाना लईका सुतत हे सियाना - व्यंग्य गीत...
ग्राम-देवरी, जिला-सूरजपुर (छत्तीसगढ़) से कैलाश पोया वर्तमान पीढ़ी पर व्यंग्य करते हुये एक गीत रचना सुना रहे हैं – आज काल के जमाना लईका सुतत हे सियाना-
आज काल के ज़माना लरिका सुतत हे सियाना-
नई ढीले वरदा बछरू ,नई ढीले वरदा बछरू नई करे काम-
आज कल के ज़माना लईका,सुतत हे सियाना-
नई करे काम धन्धा नई करे लाज गा-
दिन-रात करत हे सोवाना, दिन-रात करत हे सोवाना-
आज काल के ज़माना लरिका सोते धियाना-
मार लेही जींस शर्ट पाकिट में मोबाइल-
मार लेही जींस शर्ट पाकिट में मोबाइल-
गाना सुनत रथे दिन रात के आज कर ज़माना-
लरिका सोवत हे सियाना...