सरई के बीज को महुआ के साथ मिलाकर खा सकते हैं, पेट भी भरता है, यह हमें स्वस्थ भी रखता है...
ग्राम-उमरखोही, विकासखण्ड-गोरेला, जिला-बिलासपुर (छत्तीसगढ़) में धनसाय मरावी के साथ में गाँव की महिलाये शुकवरिया और सूरज कुवर है जो सरई के पेड़ के फल का भोजन के रूप में उपयोग के बारे में चर्चा कर रहे हैं वे बता रही हैं कि इसके फल को उबालकर 4 से 5 बार उसके पानी को निकाल लेना होता है इसके पकने के बाद इसको महुआ के साथ भुन लिया जाता है उसके बाद दोनों को मिलाकर खाते है ये स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा है और जिस जगह में खाने की समस्या है वे इसी का उपयोग करते है साथ ही इसका तेल भी निकलता है जो घाव को ठीक करने में काम आता है इसका औषधीय महत्व भी है | पहले हमारे पूर्वज यही सब खाते थे हमें रासायनिक खाद से बने भोजन को छोड़ जड़ी-बूटियों की ओर लौटना होगा।