बेहद चन्दा गन्दा है, लड़का सचमुच गन्दा...बाल कविता-
ग्राम-देवरी, जिला-सूरजपुर (छत्तीसगढ़) से कैलाश पोया कविता सुना रहे हैं :
बेहद चन्दा गन्दा है,लड़का सचमुच गन्दा-
हँसता है तो ऐसे जैसे आसमान का चंदा है-
रोता है तो ऐसे जैसे और नहीं कुछ धंधा है-
चुप करने की हर कोशिश पर देता फेर वो रमदा है-
वैसे तो आजकल सभी का वक्त चल रहा मंदा है-
इसके कारण नाना जी का चौपट सारा धंधा है...