गर तुझको जिहाद छेड़नी है, तो बुराई से छेड़...शिक्षा पर कविता
ग्राम-धीरी, पोस्ट-जैतपुरी, तहसील-बैहर, जिला-बालाघाट (मध्यप्रदेश) से जगदीश कुमार मरकाम शिक्षा को लेकर एक कविता सुना रहे है :
गर तुझको जिहाद छेड़नी है, तो बुराई से छेड़-
गर और चाहे हर ओर खुशी, शुरु हो भौर पड़ाई से-
झूठ कपट, बैमानी का , फ़ैला जो जंजाल-
कसम उठा ले इन्हें मिटाने, हो शिक्षित तत्काल-
भारत की पावन धरती से, सारे असत्य मिटा दे-
वीर देश का वीर पुत्र तू, जग को नई दिशा दे...