ये खवाहूँ रे बड़ादेव दोना-दोना महुआ लाटा...पारंपरिक गीत
ग्राम-टांकी, पोस्ट-मलगा, तहसील-कोतमा, जिला-अनूपपुर (म.प्र.) से नरेश सिंह छत्तीसगढ़ी भाषा में एक पारम्परिक गीत सुना रहे हैं :
ये खवाहूँ रे बड़ा देव दोना-दोना महुआ लाटा-
भक्ति मोर ले-ले शक्ति तोर दे-दे हाथों मैंहौं छाटा-
मादर,टिमकी,गोदमा बड़ादेव नगारा बजाहौं – झुमर-झुमर,उचट-उचट बड़ादेव नाचा दिखाहौं-
दिखाऊ रे बड़ादेव कोया कोय्तूरण के नाचा-
सुआ,करमा,ददरिया बड़ादेव रीना सुनाहौं-
सरसेट्टी,लहकी,उचट्टा बड़ादेव में गाना सुनाहौं – कोया मुरीद में बड़ादेव नावला जगा दे मोर-
ज्ञान-बुद्धि के पिटारा ले बड़ादेव मन्त्र ला दे-दे तोर-
ये बनाहूँ रे बड़ादेव कोया कोयांतूरण के गाथा-
ये खवाहूँ रे बड़ादेव दोना-दोना महुआ लाटा...