सास बहू की कहानी...
ग्राम-रक्षा, पोस्ट-फुनगा, जिला-अनूपपुर (मध्यप्रदेश) से उषा सिंह उईके एक कहानी सुना रही हैं:
किसी गांव में सास और बहू रहते थे एक दिन सास ने कहा मै तीर्थ जा रही हूँ, जो दूध दही होता है उसे बेच कर पैसा एकत्र कर लेना इसके बाद वो चली गई, चैत्र वैशाख का महीना था उनकी बहू सारा दूध दही पीपल, तुलसी के पेढ पर डाल देती और खाली बर्तन ला कर रख देती, तीर्थ करने के बाद जब सास वापस आई तो पैसे मांगी तो बहू ने सारा दूध पीपल पर डालने की बात बता दी इस पर सास ने कहा जैसा भी हो मुझे पैसे चाहिए, तब बहू पीपल और तुलसी के पास जाकर बैठ गई कहा कि मेरी सास मुझे दूध दही के पैसे मांग रही है मुझे पैसे दो तब पीपल कहता है बेटी हमारे पास पैसे नही है, कंकड़ पत्थर है इन्हें ले जा वह उठा कर अपने घर ले आई जब सुबह सास ने पूछा पैसे दो तो बहू ने अपना कमरा खोला तो देखा कि हीरे मोतीयों से पूरा कमरा जगमगा उठा बहू ने कहा ले लो अपने पैसे, यह देखकर सास के मन में भी लालच आया और वह भी बहू के जैसे ही रोज़ दूध दही पीपल और तुलसी में डालने लगी और बदले में एक दिन बहू जैसे पैसे मांगने लगी पर उसे कुछ नहीं मिला इस कहानी से यह संदेश जाता है कि लालच नही करना चाहिए-