यह डार वह डार कूदे,कोयली बोले डोगरी मा रे...लोकगीत
ग्राम-अंजनी, विकासखण्ड-मवई, जिला-मण्डला (मध्यप्रदेश) से सग्गन शाह मरकाम वन्य प्राणियों से सम्बंधित एक लोकगीत सुना रहे है:
यह डार वह डार कूदे, कोयली बोले डोगरी मा रे-
बन के पपीहा कैसे पिहू-पिहू बोलय हो-
सुन के बंदरा मन आपन आँखे खोले हो-
तोता मैना डार मा झुला झूले-
कोयल डोगरी मा बोले हो-
कउवा के काव काव मजूर बोले ढेको-
खड़ा मानु चाट मारे वह जंगल देखो-
सुन्दर मन ला मोहे वेटो-
यह डार वह डार कूदे,कोयली बोले डोगरी मा रे...