बचना नीचे से कोयल निकरी गोठ, कावा पाले उसके अंडे वह मस्ती में डोले...बाल कविता
ग्राम-त्रिकुंदा से मंगेश यादव एक बाल कविता सुना रहे है-
बचना नीचे से कोयल निकरी गोठ-
कावा पाले उसके अंडे वह मस्ती में डोले-
मानव राम-राम अंधे चादर-
पानी है धूनी रे माई सीष बिचारी-
मछली बगुले मोर उड़ाई-
गिर गिट रंग बदले अपना देह-
फूल के पास झट पकडे उन्हें...