एक छोटे से झरोके से झांकती फडफड़ाते हुए...कविता
कानपुर (उत्तरप्रदेश) से के एम भाई महिलाओ के सम्बन्ध में एक कविता सुना रहे है:
एक छोटे से झरोके से झांकती फडफड़ाते हुए-
फडफड़ाते हुए चंद क्षणों में उड़ जाती-
ची-ची करते-करते एक मीठा गीत गुनगुना जाती-
अपने ही लफ्जो में प्रेम का-रस बहाकर रंगबिरंगे सुरों में-
प्रेम सुधा बरसा जाती-
वो नटखट अंदाज से-
मेरा दिल छू जाती...