लहरे हैं हम नर्मदा की, बूंदे हैं हम गोंडवाना की...गोंडवाना कविता
ग्राम-उद्वी, जिला-उमरिया (मध्यप्रदेश) से पिंटू सिंह बरकडे एक गोंडवाना कविता सुना रहे है:
लहरे है हम नर्मदा की बुँदे है हम गोंडवाना की-
याद दिलाते जायेंगे हम गोंडवाना के वचनों की-
दुनिया सारी खुश रहे है कोई रोगी न रहे जुग-जुग जियो-
सौ साल तक यही तमन्ना गोंडवाना की-
त्यागी होकर सेवा करना गोंडवाना के नियमो की-
पंच शक्ति भगवान् हमारा-
बड़ादेव प्रकृतिक शक्ति हमारा...