चार पैर वाली कहलाती लेकिन कभी न चल पाऊँ...कविता
कैलाश सिंह पोया ग्राम देवरी जिला सूरजपुर छत्तीसगढ़ से एक कविता सुना रहे है :
चार पैर वाली कहलाती लेकिन कभी नही चल पाऊँ-
सबको अच्छी नींद सुलाती बताओं मै क्या कहलाऊँ-
बच्चे तुझे चित्र बनाते मैं लिखते-लिखते घिस जाऊं-
मेरा लिखा रबर से मिटाता, बताओं मै क्या कहलाऊँ...