मजहब क्या है ?...एक कविता-
दीपक बागरी कमला मसीन की कविता सुना रहे है जिसका शीर्षक है : मजहब क्या है ?
आओ मिल कर ये सोचें-
क्या मजहब है क्या शैतानी-
क्या जायज है क्या बेमानी-
किस किस को हमें परखना है-
क्या तजना है क्या रखना...
दीपक बागरी कमला मसीन की कविता सुना रहे है जिसका शीर्षक है : मजहब क्या है ?
आओ मिल कर ये सोचें-
क्या मजहब है क्या शैतानी-
क्या जायज है क्या बेमानी-
किस किस को हमें परखना है-
क्या तजना है क्या रखना...