नशा नाश कर देगी, फिरोगे दाने-दाने को...नशा विरोधी व्यंग्य रचना
मुज़फ्फरपुर बिहार से सुनील कुमार के साथ आज एक व्यंग्य कलाकार सूर्यदेव देहाती जी हैं जो उन्हें अपनी एक नशा विरोधी व्यंग्य रचना सुना रहे हैं:
नशा नाश कर देगी, फिरोगे दाने-दाने को-
कटोरा हाथ में होगा, ना देगा कोई खाना खाने को-
फिर से खैर एक विवाह करोगे-
इसका श्लोक है- अमंगलम गुटखा खाद्यं, अमंगलम धुम्रपानम,
अमंगलम महापानम, अमंगलम सर्वव्यसनम-
कराग्रे वसते देवी, करमध्ये चुस्मताम, करमूले तू गुटखा, प्रभात: करदर्शनम-
आमंत्रण- हमारी कुलदेवी बीमारी माता की असीम अनुकम्पा से दादा हुक्काराम की पौत्री दुर्भाग्यावती कुमारी, का पुत्र गुटखा लाल एवं दुर्गंधी देवी, निवास स्थान- 420, यमलोक हाल्ट, दुख्ननगर के संग, मृतात्मा कैंसर कुमारी तथा लाइलाज कुमार, चाचा गंजा सिंह, दादा हुक्काराम, दादी शराब देवी, मामा चरस शाही, नानी चाय सिन्हा, फूफा ज़र्दा राम, समस्त बुजुर्गो की उपस्थिति में नव दंपत्ति को आशीर्वाद प्रदान करने को आमंत्रित है-
हमारा पता है- चिंता भावन, कष्ट मोहल्ला, दुर्गति गली, दुःख नगर, ज़िला-परलोक-
विवाह स्थान- शमशान घाट-
बारातियों का स्वागत धूमधाम से होगा तथा यमराज महोदय का आशीर्वाद मुफ्त मिलेगा...