कोऊ कहे लाल बत्ती जलत वे...बघेलखंडी लोकगीत
ग्राम-पोस्ट-उलहिखुद, तहसील-मनगवां, जिला-रीवा (मध्यप्रदेश) से रमेश कुमार गुप्ता एक गीत सुना रहे हैं,इस गीत में वे ये बताना चाहते हैं कि सन दो हजार आठ में मुंह नचवा की कहानी फैलाई गयी थी जो बिलकुल झूठ थी वे इसके बारे में गीत के माध्यम से बता रहे हैं:
कोऊ कहे लाल बत्ती जलत वे-
मोहू खाए लिहिस मोहू नचाओ मोहुस बै ना दे-
मोऊ नचवावो आँसों के साल जैसे दुर्गा बिराजन-
हाँ तबसे नहीं आबा मोहू नचवाओ-
मोहे खाए लिहिस मोहों नचवाओ-
हो बुढ़व लाठी लेके ईतिन-
अब कभाऊ ना आई मोहू नचवाओ-
मोहू खाए लिहिस मोंहू नचवाओ-
हाँ ठाकुर का ठकुराइन खाइन-
अरे सुबचा सबको लिसोचवाओ-
मोहों खाए लिहिस मोंहों नचवाओ...