बहुत बढ़ी महंगाई साहब, बहुत बढ़ी महंगाई...बघेली कविता
ग्राम-डभौरा, जिला-रीवा (म.प्र.) से अरुण प्रताप सिंह के साथ एक बालक रोहना प्रसाद सिंह हैं जो एक बघेली कविता सुना रहा हैं:
बहुत बढ़ी महंगाई साहब,बहुत बढ़ी महंगाई-
तेल बिना भय सुनी कढाई कैसे कय लागे चोउका-
इतनी महँगी गैस न बरइ दुलई छुला दोउका-
दार खाए का सब्जी मनई रोज घुलाती सोती
बहुत बढ़ी महंगाई साहब...