ये धरती, ये जंगल, ये नदियां, ये पेड़ों के झुरमुट...प्रकृति कविता -
ग्राम-तमनार, जिला-रायगढ़ (छत्तीसगढ़) से कन्हैयालाल पडियारी एक कविता सुना रहे हैं :
ये धरती, ये जंगल, ये नदियां, ये पेड़ो के झुरमुट-
इनके आगोश में रहकर मिलता स्वर्ग का सुख-
इनकी रक्षा करें, ये हमारे रक्षक-
इनको कर लो थोडा नमन...