कोयल बसंत में ही कूकती हैं और बाद में भी हमारे आस पास रहती है पर आवाज़ नहीं निकाल पाती...
जय किशोर आज हमें प्रकृति के विभिन्न तौर तरीके के बारे में बता रहे हैं वे बता रहे हैं कि बसंत ऋतु में कोयल की कूकने की मीठी बोली सुनाई देती है जिसे सभी बहुत पसंद करते हैं पर वसंत के जाते ही उसका कूकना सुनाई देना बंद हो जाता है तो क्या वसंत के बाद कोयल कहीं चली जाती है? ये बता रहे हैं कि कोयल बसंत ऋतु के बाद भी कही नहीं जाती है, हमारे आस-पास ही रहती है लेकिन मौसम में बदलाव के वजह से उसका गला फट जाता है और वह बोल नहीं पाती है वह सिर्फ बसंत में ही बोल पाती है | वे कह रहे हैं कि वे कोयल की आवाज़ खुद निकालते हैं और वसंत ऋतु में जब वे ऐसा करते हैं तो कोयल उनके पीछे आवाज़ निकालती है पर वसंत के बाद वे कोशिश करती हैं पर आवाज़ निकाल नहीं पाती | जय किशोर@7033911979