ऐ मालिक तेरे बंदे हम, ऐसे हो हमारे करम...प्रेरणा गीत
सुप्रिया, रागिनी, खुशी,खुशबू, सारिका, आँचल मालीघाट, जिला-मुजफ्फरपुर बिहार से एक गीत सुना रही हैं:
ऐ मालिक तेरे बंदे हम, ऐसे हो हमारे करम-
नेकी पर चले और वदी से टले-
ताकि हंसते हुए निकले दम-
बड़ा कमजोर हैं आदमी-
अभी लाखों हैं इसमें कमी-
पर तू जो खड़ा हैं दयालु बड़ा-
तेरी कृपा से धरती थमी-
हैं तेरी रौशनी में जो दम-
तू अमावश को कर दे
पूनम नेकी पर चले...
ये अंधेरा घना छा रहा-
तेरा इंसान घबरा रहा-
हो रहा बेखबर ,कुछ न आता नजर-
सुख का सूरज छिपा जा रहा है तेरी रौशनी....
जब जुल्मों का हो सामना-
तब तू ही हमे थामना-
वो बुराई करे हम भलाई करें-
नहीं बदले की हो कामना-
बढ़ उठे प्यार का ये भरम-
और मिटे बैर का ये भरम...