होली की दुनिया, बड़ी निराली...होली कविता -
ग्राम-झांझर, पंचायत-बाखिल, तहसील-कोटड़ा, जिला-उदयपुर, (राजस्थान) से विनोद कुमार होली पर एक कविता सुना रहे हैं:
होली की दुनिया, बड़ी निराली-
लोग डालते कई रंग निराले-
कोई पिला डाले,कोई लाल डाले-
हरा डाले कोई केसरी डाले-
हर कोई बस गुलाल का रंग डाले-
कोई समझे रंग का महत्व-
कोई समझे होली का महत्व-
पर हम न समझे होली का रंग-
सोच रहे होंगे क्यों न समझे-
हम बताते है क्यों न समझे-
होली का रंग शाम उतारोगे-
रंग लगायो कुछ ऐसा लगायो-
बदले समाज की सोच को-
होली खेलो विचारो की खेलो-
होली की दुनिया, बड़ी निराली-
लोग डालते कई रंग निराले...