खूब नक़ल के करे प्रचार, दर मा लड़का चार हजार...नक़ल पर बघेली में हास्य कविता
ऋषभ मिश्र ग्राम-ओझापुरवा, जिला-रीवा, मध्यप्रदेश से परीक्षाओं में हो रही नक़ल पर एक बघेलखंडी बोली में एक हास्य कविता सुना रहे हैं:
खूब नक़ल के करे प्रचार-
दर मा लड़का चार हजार-
कहिन कि तुहका पास कराउब-
चाहे कउनऊ विधि अपनाउब-
इत्ते मा तू पास न होवे-
पुनः मूल्यांकन फॉर्म भराउब-
अगर चेकर जो आवे पईहें-
तुरतये फॉर्म भराईन लेइहैं-
सौ-सौ के नोट सबै का दीन्हे – भरके पेट नक़ल कई लीन्हें – कहीं कि नातिन भरी आई-
एक सरहज एक सारी आहिं – तुहो लिखें ददुआ का दीन्हें – पहिले सेट मिलाइन लीन्हें -2
अथवा वथवा सब कई आय-
खूब नक़ल के करे...
चपरासी से पानी मंगावे-
चपरासी चुटका धई लावे-
खूब नक़ल के करे...