बन्नी बैठी है कमरे में, हँसे मन-मन में...बिहारी विवाह गीत
मुजफ्फरपुर, बिहार से उषा देवी एक गीत सुना रही है यह गीत लड़की के विवाह के समय उसके घर में गाया जाता है:
बन्नी बैठी है कमरे में-
हँसे मन-मन में-
सजन घर जाना है-
बन्नों कि मांगों में टीका सोहे-
बछवा लगा के विदा कर दो-
मुआ से गोद भर दो-
सेंदुर से मांग भर दो-
सजन घर जाना है-
बन्नी बैठी है...